Wednesday, May 05, 2010, 00:05 hrs IST Daily news jaipur
जयपुर । बरसों से कपड़ा रंगाई-छपाई कारखानों के कारण प्रदूषण की मार झेल रहे सांगानेर वासियों को जल्द ही राहत मिलने जा रही है। कस्बे व आसपास स्थित रंगाई-छपाई कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को साफ कर प्रदूषण मुक्त किया जाएगा। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा और इसके लिए आवश्यक जमीन भी ढूंढ ली गई है। इस संबंध में विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बना ली गई है, जिसे शीघ्र ही मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार सांगानेर कस्बे व आसपास के इलाके में कपड़ा रंगाई व छपाई की लगभग 500 से 600 औद्योगिक इकाइयां हैं। इनसे निकलने वाले प्रदूषित जल से न केवल जल प्रदूषण, बल्कि वायु प्रदूषण भी हो रहा है। इतना ही नहीं इन इकाइयों से निकलने वाला पानी जहां से होकर गुजर रहा है, वहां की जमीन की उपज क्षमता कम हो रही है। ऎसे में काफी समय से इस प्रदूषण को खत्म करने की मांग चली आ रही है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कॉमन फैसीलिटी सेंटर बनाने की सलाह दी थी। इसके बाद प्लांट की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और संभवत: हफ्तेभर में उद्योग विभाग को सौंपी जाएगी।
मिलेगी सरकारी सहायता
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए व्यापारियों के पास दो रास्ते हैं। एक तो केंद्रीय उद्योग मंत्रालय से प्लांट के लिए 75 प्रतिशत राशि मिलती है तथा 25 प्रतिशत व्यापारियों को देनी पड़ती है। यदि ऎसा नहीं हो पाता तो दूसरी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की योजना है। इसके तहत 25 प्रतिशत राशि केंद्र, 25 प्रतिशत राज्य सरकार तथा 50 प्रतिशत व्यापारियों को देनी पड़ती है। व्यापारी अभी सहायता प्राप्त करने की जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं।
ट्रस्ट करेगा संचालन
ट्रीटमेंट प्लांट के सुचारू संचालन के लिए ट्रस्ट बनाया जाना जरूरी है और इसके लिए व्यापारियों ने कवायद शुरू कर दी है। ट्रस्ट के गठन की मंजूरी के लिए जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। ट्रस्ट का गठन होने के बाद इसकी अधिसूचना, जमीन के कागजात व प्रोजेक्ट रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भिजवाया जाएगा। इसके बाद योजना के तहत अनुदान की मंजूरी मिलेगी।
ऎसे काम करेगा प्लांट
सभी इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को पाइप के सहारे एक निचली जगह बने गड्ढे में इकट्ठा किया जाएगा। इसके बाद उसे ट्रीटमेंट प्लांट तक पम्प किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी को मथकर पहले कचरा निकाला जाएगा। इसके बाद पानी में क्लोरीन व ओजोन आदि रासायनिकों से साफ किया जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब पांच प्रतिशत ठोस कचरा बनेगा, जिसे सावधानी पूर्वक निस्तारित किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला पानी रिसाइकिल होगा, ऎसे में उसका उपयोग कपड़े धोने, नहाने व सिंचाई में किया जा सकेगा।
लागत 46 करोड़
ट्रीटमेंट प्लांट पर करीब 46 करोड़ का खर्च आने की संभावना है। ट्रीटमेंट प्लांट बनने में करीब एक साल लगने की संभावना है और इसके बाद यह दो से तीन साल में चालू होगा।
दो जगह जमीन देखी
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए करीब 40 एकड़ जमीन चाहिए। सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र जींदकर ने बताया कि प्लांट के लिए दो जगह जमीन ढूंढ़ी है। एक जयपुर की तरफ सांगा सेतु के आगे नीचे की तरफ तथा दूसरी मुहाना मोड़ के पास। जमीन अलॉटमेंट की प्रक्रिया चल रही है, संभवतया एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर लैंडिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज ने डीपीआर तैयार की है, जो हमें एक-दो दिन में मिलने की संभावना है। हमारा प्रयास है कि ट्रीटमेंट प्लांट जल्द बनकर तैयार हो।पी.के. जैन, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र
डीपीआर बन गई है और ट्रस्ट बनने के बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भिजवाया जाएगा। जहां तक जमीन का मामला है जेडीए से बात चल रही है। देवीशंकर, अध्यक्ष, सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन
विष्णु शर्मा
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