सांगानेर। प्रदेश के लिए अमृत समान महत्वपूर्ण माना जाने वाला पानी सांगानेर में प्रदूषण की समस्या का सबसे ज्यादा सामना कर रहा है। वस्त्र नगरी में चल रहे 750 रंगाई-छपाई की टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज से निकलने वाला यह पानी अपनी प्रवृति इतनी अधिक बदल चुका है कि इसका नाम ही काला पानी पड़ गया है। सरकार और जिला प्रशासन ने जल्दी ही प्रदूषण को रोकने का इंतजाम नहीं किया तो यह सांगानेर के जनजीवन के लिए निश्चित ही बहुत घातक सिद्ध होगा।
जयपुर के सांगानेर में रंगाई-छपाई की टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज प्रकृति के लिए काल बनने का काम कर रहे हैं।
ये बने हैं जान के लिए जोखिम
काले पानी को डिसॉल्व्ड सॉलिड, सल्फेट, क्लोराइड, फ्लोराइड, नाइट्रोजन, हार्डनेस और कैल्शियम की अधिक मात्रा मिलकर घातक बनाती है। इसको किसी भी प्रकार से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जानवर इसको पीकर मौत के मुँह में भी जा सकता है।
जयपुर के सांगानेर में रंगाई-छपाई की टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज से निकलने वाले पानी को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा पूर्व में ही खतरनाक घोषित किया जा चुका है, क्योंकि यह वॉटर एक्ट के मापदण्डों पर खरा नहीं माना गया था।
Brij Ballabh Udaiwal
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